The Shodashi Diaries
Wiki Article
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
Each struggle that Tripura Sundari fought is often a testament to her may possibly and also the protective mother nature with the divine feminine. Her legends continue to inspire devotion and so are integral to your cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
Charitable acts for instance donating meals and apparel to your needy may also be integral on the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate aspect of the divine.
Just after 11 rosaries on the first working day of beginning Using the Mantra, it is possible to provide down the chanting to 1 rosary daily and chant 11 rosaries within the eleventh day, on the last day of your chanting.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का read more विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
Therefore all the gods requested Kamadeva, the god of affection to create Shiva and Parvati get married to one another.
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
Celebrated with fervor all through Lalita Jayanti, her devotees look for her blessings for prosperity, knowledge, and liberation, discovering solace in her many types along with the profound rituals related to her worship.
नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः
Goddess Tripura Sundari can be depicted as a maiden sporting excellent scarlet habiliments, dim and extended hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.
वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
The person who does this Sadhana turns into like Cupid (Shodashi Mahavidya). He is transformed into a rich, well-known amongst Ladies and blessed with son. He receives the caliber of hypnotism and achieves the self electrical power.